राजेश पाठक
29 Sep
29Sep

जीवनसाथी केवल एक साथी नहीं, बल्कि जीवन की यात्रा में विश्वास, प्रेम और सहारा देने वाला आधार होता है। 


वैदिक परंपराओं में कुछ विशेष पूजाएँ और अनुष्ठान ऐसे माने गए हैं जो वैवाहिक जीवन में निष्ठा, समझ और स्थिरता लाने में सहायक होते हैं। 


यह मार्गदर्शिका आपको उन सर्वोत्तम पूजाओं से परिचित कराएगी, जिनके माध्यम से आप ईश्वर की कृपा प्राप्त कर एक विश्वस्त और स्नेही जीवनसाथी को आकर्षित कर सकते हैं। 


इसमें प्रत्येक पूजा का महत्व, विधि और उससे जुड़ी आध्यात्मिक ऊर्जा का सरल और स्पष्ट विवरण दिया गया है, ताकि आप श्रद्धा और विश्वास के साथ अपने जीवन में सुख‑समृद्धि का स्वागत कर सकें।

समर्पित एवं समझदार पत्नी प्राप्ति हेतु पूजा


  1. स्वयंवर पार्वती होम


    दिव्य अग्नि में देवी पार्वती को समर्पित अर्पण से बाधाएँ मिटती हैं और प्रेमपूर्ण, संतुलित मिलन होता है।

    उद्देश्य: समर्पित एवं समझदार जीवनसाथी की प्राप्ति हेतु माँ पार्वती का आशीर्वाद माँगना।

    मुख्य अर्पण:
    • घी, चावल और पवित्र जड़ी-बूटियाँ अग्नि में अर्पण करें
    • पारस्परिक सम्मान, स्थिरता और गहन भावनात्मक बंधन का अनुभव करें


  2. गौरी शंकर पूजा (पूरक)


    शिव-शक्ति के दिव्य मिलन का पूजन कर संबंधों में ऊर्जा का संतुलन लाएँ।

    केन्द्रित बिंदु: पार्वती की शक्ति और शिव के स्थिर भाव का मेल।

    प्रभाव: कर्मबाधाएँ दूर हों; भावनात्मक गहराई और आत्मीयता बढ़े।


विचार करने योग्य अतिरिक्त अनुष्ठान: 

  • माँ कात्यायनी पूजा — विवाह का शुभसमय शीघ्र सुनिश्चित करे; कुंडली दोष निवारण करे

  • मंगल दोष निवारण पूजा — मंगल ग्रह की बाधाएँ शांत करे


सबसे शुभ मुहूर्त और मंत्र जप की सटीक संख्या के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लें।

 


सहायक पति के लिए पूजा


1. मंगल गौरी व्रतम

 शुक्ल पक्ष के मंगलवार को पीले पुष्प, हल्दी-चावल और गुड़ के प्रसाद के साथ मंगल गौरी की उपासना करें। यह व्रतम प्रेमपूर्ण और आदरयुक्त जीवनसाथी लाता है।
उपयुक्त दिन: शुक्ल पक्ष मंगलवार
प्रसाद: पीले फूल; हल्दी-लगे चावल; गुड़ के लड्डू
मंत्र:
“ॐ ह्रीं ग्लौं गम ग्लौं महामंगलाय विद्महे
पद्माहस्ताय धीमहि तन्नो मंगलः प्रचोदयात्”

2. स्वयंवर पार्वती होम

अग्निदेव के माध्यम से पार्वती को अर्पित कर जीवनसाथी के मार्ग की बाधाएँ दूर करें।

मुख्य चरण:

  • अग्नि एवं पार्वती की वंदना करें
  • घी, चावल, चंदन तथा औषधीय जड़ी-बूटियाँ अर्पित करें
  • स्वयंपान मंत्र का 108 बार जप करें


3. गौरी शंकर पूजा

शिव और पार्वती के दिव्य युगल का पूजन कर वैवाहिक जीवन में पुरुष-स्त्री ऊर्जा का पूर्ण समन्वय करें।

केन्द्रित बिंदु: शिव-शक्ति का अभिन्न मेल

परिणाम: कर्मबाधाएँ मिटें; ऐसा जीवनसाथी मिले जो सम्मान और उत्साह बढ़ाए।


अतिरिक्त सुझाव: 

  • यदि कुंडली में मंगल दोष हो, तो मंगल दोष निवारण पूजा अवश्य करें

सबसे शुभ मुहूर्त और मंत्र जप की सटीक संख्या के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लें।


*नीचे कमेंट्स में अपने अनुभव और कहानियाँ साझा करें आइए मिलकर इस 
यात्रा में एक-दूसरे को प्रेरित करें और एक मजबूत समुदाय बनाएं।


लेखक परिचय 

राजेश पाठक द्विभाषी आध्यात्मिक लेखक और अनुष्ठान दस्तावेजीकरणकर्ता हैं, जो पारिवारिक पूजा के लिए सहज मार्गदर्शिकाएँ बनाते हैं।  

वे पवित्र अनुष्ठानों के अनुवाद और व्यावहारिक सुझावों के निर्माण में माहिर हैं, जो परंपरा का सम्मान और सौहार्द बढ़ाते हैं। तकनीकी लेखन और सांस्कृतिक अध्ययन में उनकी विशेषज्ञता हर विधि को प्रामाणिकता और स्पष्टता के साथ प्रस्तुत करती है।


Rajesh Pathak: Founder

लेखक की जानकारी पर जाएँ: About Rajesh Pathak-Founder and Educator



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