श्री कृष्ण गोविन्द, हरे मुरारी - रविन्द्र जैन

कृष्णा, कृष्णा, 
हरे कृष्णा, हरे हरे


सच्चिदानंदरूपाय, विश्वोत्पत्यादिहेतवे, तापत्रयविनाशाय, श्रीकृष्णाय, वयं नमः।


श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,-2


पितु मात स्वामी सखा हमारे,-2
हे नाथ नारायण वासुदेवा।। 
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा

बंदी गृह के तुम अवतारी,
कही जन्मे, कही पले मुरारी,

किसी के जाए, किसी के कहाये,
है अद्भुत, हर बात तिहारी -2
गोकुल में चमके, मथुरा के तारे -2
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।। 
पितु मात स्वामी सखा हमारे -2
हे नाथ नारायण वासुदेवा।। 
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा


अधर में बंशी, ह्रदय में राधे,
बट गए दोनों में- आधे आधे,
हे राधा नागर, हे भक्त वत्सल,
सदैव, भक्तो के काम साधे -2
वही गए… वही गए 
वही गए जहा गए पुकारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।। 


गीता में उपदेश सुनाया,
तुमने सोया, विश्व जगाया  
फल-इच्छा से, रहित कर्म को  
हर मानव का धर्म बताया (×2)  
रहेंगे हम सब, ऋणी तुम्हारे (×2)
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।। 
पितु मात स्वामी सखा हमारे,-2
हे नाथ नारायण वासुदेवा।। 
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा

राधे कृष्णा राधे कृष्णा,
राधे राधे कृष्णा कृष्णा,
राधे कृष्णा राधे कृष्णा,
राधे राधे कृष्णा कृष्णा।। 

कृष्णा कृष्णा।। राधे कृष्णा, हरे हरे 



🕉️ Word-by-Word Meaning 

Sanskrit WordMeaning in EnglishMeaning in Hindi
सच्चिदानंदरूपायTo the one whose form is Sat (truth), Chit (consciousness), and Anand (bliss)जो सत्, चित् और आनंद स्वरूप हैं
विश्वोत्पत्यादिहेतवेCause of creation, sustenance, and dissolution of the universeजो विश्व की उत्पत्ति, स्थिति और संहार के कारण हैं
तापत्रयविनाशायDestroyer of the threefold sufferings (spiritual, divine, and material)जो आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिक तीनों तापों का नाश करते हैं
श्रीकृष्णायTo Lord Shri Krishnaभगवान श्रीकृष्ण को
वयं नमःWe bow down / We offer our salutationsहम नमस्कार करते हैं

“To the blissful, conscious truth-form of Krishna, origin of all creation and destroyer of all suffering—we bow in reverence.” If you'd like, I can help you craft a bilingual version for your blog or ritual documentation, blending poetic Hindi and elegant English. Just say the word.